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गम

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कल मेरे गमसे मेरी मुलाकात हुई
मुझे देखकर उसको बहोत खुशी हुई

मैंने मेरी दुखभरी दास्ता उसको सुनाई
वो बोला यह तो मेरी रिवायत हुई

बातो बातो में हमारी मंजिल एक हुई
अब तो मुझे उसके साथ रहने की आदत सी हुई

उससे छूटकारा पाने के वास्ते

करते आया मैं उसकी हर नक्श-ए-कदम पे बुराई
पर उसे भी मेरे साथ जीने की आदत हुई